Vibha
Tuesday, February 12, 2013
एक नई सुबह (समाचार पत्र के प्रति चन्द शब्द )
सुबह नयी मुस्कान सा लगता
तू मुझको नव ज्ञान सा लगता
कहीं से भी मै पढ लूँ तुझको
तू सारा जहान सा लगता
जब तक तुझको पढ न पाऊं
सारी खबरों से अंजान सा लगता
बिना किसी अवकाश के देता
नित नये अभ्यास सा लगता
कितने संदेस संजो के लाता
तुझको पढ़ अभिमान सा लगता ,
1 comment:
***Punam***
said...
बहुत खूब....
February 12, 2013 at 11:47 AM
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1 comment:
बहुत खूब....
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